अरुण कुमार चौधरी
ऐसे तो इस समय मोदी सरकार की लोकप्रियता में भारी गिरावट हो रही है , दूसरी ओर मोदी सरकार हार की आशंका के कारण तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे है ! इस समय मोदी सरकार का 99% निर्णय अलोकतांत्रिक हो रहा है और इसके कारण मोदी जी अपने विरोधियों को ईडी, सीबीआई तथा तरह-तरह के अन्य एजेंसियों को अपने विरोधियों के खिलाफ झूठा आरोप लगाकर उन की राजनीतिक हत्या करने का प्रयास करते हैं परंतु उल्टे ही मोदी जी की छवि जनता की नजर में एक तानाशाह, सनक और बौखलाहट पेश हो रहे हैं !
इसी क्रम में पिछले तीन वर्षों से ईडी तथा सीबीआई के द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को अस्थिर करने में लगे हुए हैं ! ईडी ने छत्तीसगढ़ की कई राजनेताओं तथा बड़े-बड़े अफसरों को जेल में डाल दिया है और अब ईडी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार श्री विनोद वर्मा और सीएम के दो ओएसडी के यहां 23 अगस्त को के घर अगस्त को यहां छापा मारा था और इस छापे के क्रम में श्री वर्मा जी ने ईडी को पूरी तरह से सहयोग किया और अपना पूरा आय -व्यय का व्यौरा ईडी को दे दिया परंतु कल से आज तक फिर ईडी ने श्री विनोद वर्मा के परिवार के सदस्यों तथा संबंधियों के साथ पूछ -ताछ कर रहे हैं ! इसी को लेकर विनोद वर्मा ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा ईडी ने अब मेरे परिवार को बुला लिया है. मैं दोनों बेटों पुनर्वसु, तथागत और बहनोई तुकेंद्र वर्मा को ईडी के दफ़्तर छोड़ आया हूं. कल मेरी पत्नी जया को बुलाया गया है. केंद्र सरकार के इशारे पर एजेंसियां चाहे जो कर लें वे भूपेश बघेल और उनकी टीम के हौसले नहीं तोड़ सकतीं.चुनाव जांच एजेंसियों के भरोसे नहीं जीते जा सकते.
ईडी दफ्तर के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए विनोद वर्मा ने कहा- उन्होंने कहा कि मैं पहले अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाता था, फिर कॉलेज छोड़ने जाता था, आज ईडी ने बुलाया है तो यहाँ भी छोड़ने आया हूँ.जांच पर सहयोग कर रहा हूं, जांच फेयर होना चाहिए है. किस लिए जांच हो रही ईडी बताती नहीं है . अगर वो बताएंगे तो अच्छा रहेगा. कोई सबूत ढूंढ रहे है तो ढूंढ लें. उनको लगता हैं मैंने कोई सबूत बच्चों के सहारे छुपा लिया है तो वो भी जांच कर लें. पूरे परिवार की जांच कर लें मुझे कोई ऐतराज नहीं है.
पिछले 23 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन के दिन ईडी ने विनोद वर्मा के घर छापा मारा था. इसके बाद से छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टेबाजी महादेव एप मामले में कार्रवाई तेज हो गई थी और 4 लोगों को ईडी ने गिरफ्तार किया है. इसमें एक एएसआई चंद्रभूषण वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा ईडी ने दावा किया है कि इसके संबंध मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा से जुड़े हुए है. इसके अलावा आरोप लगाया है कि दुबई से हवाला के माध्यम से मोटी रकम हर महीने आते थे. जिसे चंद्रभूषण वर्मा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े नेताओं को ‘संरक्षण राशि’ के रूप में वितरित कर रहा था. ईडी ने कहा कि अब तक एएसआई चंद्रभूषण वर्मा को करीब 65 करोड़ रुपये नकद मिले थे
ऐसे ईडी के आरोपों को विनोद वर्मा ने 24 अगस्त को प्रेस कांफ्रेंस कर ईडी पर लूट डकैती का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा था कि ईडी वालों ने मेरे घर से 2 लाख 55 हजार 300 रुपए नगद लेकर गए है.घर का कोना कोना छान मारा , मेरे बेटे की शादी में जो लिफाफा मिला था उन लिफाफों को खोलकर सारे पैसे ले गए लेकिन हिसाब नहीं बनाया. लेकिन मेरे बेटे ने इन लिफाफों का पूरा सबूत ईमेल पर रखा हुआ था. किस लिफाफे में कितना पैसा मिला और किसने दिया है. उन्होंने इसके बाद कहा आप मुझे संतुष्ट नहीं कर पा रहे है. तो जो अधिकारी आपके घर छापा मारने आया है उसकी मंशा क्या है? ये ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है. बजाए इसके वो सबूत क्या मांग रहा है . हर उस चीज का सबूत दिया जिसका उनको चाहिए था मैंने दिया है.आपके घर में आपके पूरे कागज है उसके साबित है उसके बाद कह रहे है आप सबूत दे दीजिए. तो सवाल ये है की इसे अब रहजनी और डकैती के अलावा क्या कहा जाए?
दूसरी ओर इस मामले में ईडी ने एएसआई चंद्र भूषण वर्मा के साथ सतीश चंद्राकर, कारोबारी अनिल और सुनील दम्मानी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. इसके बाद कोर्ट ने इन चारों को न्यायिक रिमांड में 10 दिन के लिए जेल भेज दिया है. अगली सुनवाई आने वाले15 सितंबर को होगी. इसके अलावा महादेव एप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. ये दोनों आरोपी विदेश में है
ऐसे तो विनोद वर्मा के संबंध में आम लोगों तथा पत्रकारों का कहना है कि श्री वर्मा एक बेहद ईमानदार पत्रकार के रूप में जाने जाते हैं !